दसेहरा और विजयदशमी की शुभकामनाये

Happy Dussehra and Vijayadashmi.

आप सभी को दसेहरा और विजयदशमी की शुभकामनाये ।

आज दशहरे के अवसर पर आप सबके साथ कुछ शेयर करना चाहूंगी ।

रामायण हिंदूओ की एक पवित्र पुस्तक है।
रामायण में मर्यादा पुसोतम राम जी से तो हम सबी
भालिभाति परीचित है।
लेकिन आज मैं रावण जी के कुछ गुन्नो पर प्रकाश डालना चाहूंगी।

रावण बनना भी कहां आसान

रावण में अहंकार था
तो पश्चाताप भी था

रावण में वासना थी
तो संयम भी था

रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी
तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न करने का संकल्प भी था

सीता जीवित मिली ये राम की ही ताकत थी
पर पवित्र मिली ये रावण की भी मर्यादा थी

महसूस किया है कभी
उस जलते हुए रावण का दुःख
जो सामने खड़ी भीड़ से
बारबार पूछ रहा था…..

“तुम में से कोई राम है क्या

अगर..विभीषण ना होता तो रामायण का इतिहास ही कुछ और होता

दस राम भी एक रावण को ना मार पाते

आगर रावण भी इतने समर्थ , तो हम दशहरे के अवसर पर रावण को हिन भावना से देखते हैं और श्री राम की जय जय करते करते हैं ??

ऐसा क्यू विचार जरूर किजिये..

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